Poetess Shashi’s  New Poem Released By Amco Music

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कवयित्री:  शशि   ” इतिहास ”

इतिहास की परीक्षा थी, उस दिन चिन्ता से हृदय धड़कता था,

जब उठा भोर में घबराकर, तब से बायां नैन फड़कता था,

जितने उत्तर कंठस्थ किये, उनमें से आधे याद हुए,

वे भी स्कूल पहुंचने तक, स्मृतियों से आजाद हुए,

जो सीट दिखाई दी ख़ाली, उस पर डटकर के जा बैठा,

तभी निरीक्षक मुझे देखकर, अपना आपा खो बैठा,

 

अरे मूर्ख है ध्यान किधर, क्या बिगड़ गई थी बुद्धि तेरी,

क्यों करके आया है देरी, उठ जा यह कुर्सी है मेरी,

जब प्रश्नपत्र आया सन्मुख, मैं भूल गया उत्तर सारा,

बस बरगद रूपी कॉपी पर, कलम कुल्हाड़ी  दे मारा

बाबर का बेटा था  हुमायूं, जो भारत वायुयान से आया था

उसने ही पहला रॉकेट, अंतरिक्ष में भिंजवाया था।

 

अब प्रश्न पढ़ा था कौन चेतक, मैं लिख बैठा बजाज चेतक,

जो सदा ब्लैक में  बिकता है, पच्चीस वर्ष तक टिकता है,

गौतम गांधी के चेले थे, दोनों ही संग संग खेले थे,

आज़ादी के संग्राम समय, दोनों ने पापड़ बेले थे।

पढ़कर मेरा इतिहास नया, परीक्षक का मांथा चकरा गया

देकर माइनस जीरो नम्बर, उसने जोड़ा इतिहास नया।

एमको म्यूजिक व अरुण शक्ति के सौजन्य से

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