निर्माता सुमित कुमार को मिला बेस्ट प्रोड्यूसर का दादा साहेब फाल्के आइकॉन अवार्ड फ़िल्मस

निर्माता सुमित कुमार को मिला बेस्ट प्रोड्यूसर का दादा साहेब फाल्के आइकॉन अवार्ड फ़िल्मस

भारतीय सिनेमा की महान हस्ती दादा साहेब फाल्के के नाम का अवार्ड हासिल करना किसी भी प्रोड्यूसर के लिए सबसे बड़ा पुरुस्कार होता है और यह ईनाम प्राप्त किया है यंग निर्माता सुमित कुमार ने।

निर्माता सुमित कुमार को दादा साहेब फाल्के आइकॉन अवार्ड फ़िल्मस से नवाजा गया हैं। सुमित कुमार को मुम्बई के आर्किड होटल में आयोजित “दादा साहेब फाल्के आइकॉन अवार्ड फ़िल्मस (DPIAF) 2021″ से बतौर बेस्ट प्रोड्यूसर सम्मानित किया गया।

सुमित कुमार को यह अवार्ड मिलने पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी जा रही है। सुमित कुमार ने सभी चाहने वालों का दिल से शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि दादा साहेब फाल्के के नाम का अवार्ड मिलना मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है। मुझे बेहद खुशी हो रही है कि मुझे इस पुरस्कार के काबिल समझा गया।”

बता दें कि निर्माता सुमित कुमार की चर्चित शार्ट फ़िल्म “गुड मॉर्निंग ईएमआई” को कई नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड्स से भी नवाजा गया और अब वह पीएसजे मीडिया विज़न के बैनर तले बन रही फिल्म “भाभी मां” को भव्य रूप से निर्मित कर रहे हैं, जिसे जयप्रकाश मिश्रा डायरेक्ट कर रहे हैं। आपको बता दें कि भाभी मां निर्माता प्रत्यूष सुमित जय की तिकड़ी द्वारा काफी भव्य रूप से बनाई जा रही है। इस फ़िल्म के हीरो प्रत्यूष मिश्रा हैं जबकि हीरोइन रानी चटर्जी और सोनालिका प्रसाद हैं।

फैमिली ड्रामा फ़िल्म “भाभी मां” पीएसजे मीडिया विज़न द्वारा निर्मित जो आल ओवर इंडिया रिलीज होगी। मधुर और कर्णप्रिय म्यूज़िक से सजी यह एक साफ सुथरी सामाजिक फ़िल्म है जिसमें दर्शकों को मनोरजंन के साथ साथ एक सन्देश भी दिया जाएगा।

सुमित कुमार ने बताया कि पीएसजे मीडिया विज़न के बैनर तले बन रही फिल्म “भाभी मां” में प्रत्यूष मिश्रा राम लक्ष्मण के किरदार को अदा कर रहे हैं। हिंदी शार्ट फ़िल्म “गुड मॉर्निंग ईएमआई” में प्रत्यूष मिश्रा की एक्टिंग की काफी तारीफ हुई है। इसलिए इस फ़िल्म से सभी को उम्मीदें हैं। हम लोगों ने भाभी मां के सब्जेक्ट पर और इसकी स्क्रिप्ट लेखन पर काफी मंथन किया है। नदिया के पार जैसी फीलिंग देने वाली यह फ़िल्म होगी जिसकी स्क्रिप्ट राईटिंग पर महीनों काम हुआ है

सुमित कुमार ने आगे बताया कि लोग कमर्शियल फ़िल्म बनाने की होड़ में इंडियन कल्चर संस्कारों को भूल जाते हैं। मां के बाद परिवार में भाभी का दर्जा होता है इसलिए उन्हें भाभी मां कहा जाता है मगर कुछ रीजनल गानों और फिल्मों में भाभी के नाम पर जो कुछ हो रहा है, वह जग जाहिर है। ऐसे में हम तीनों भाइयों का पीएसजे मीडिया विज़न द्वारा भाभी मां जैसी फ़िल्म का निर्माण करना अपनी जड़ों से जुड़ने की एक कोशिश है।

निर्माता सुमित कुमार को मिला बेस्ट प्रोड्यूसर का दादा साहेब फाल्के आइकॉन अवार्ड फ़िल्मस

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